Neem Karoli Baba:नीम करौली बाबा, जिन्हें महाराजजी के नाम से भी जाना जाता है, 20वीं सदी के एक महान संत थे। उनका जन्म 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद जिले के अकबरपुर गाँव में एक धनी ब्राह्मण जमींदार परिवार में हुआ था। उनका वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था।बाबा का जीवन और उनकी अदभुत गाथाएं उनके अनुयाई और भक्त लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत हैं। इस लेख में हम नीम करोली बाबा के जीवन का परिचय, उनके चमत्कार, उनके रहस्यमय रूप, और उनके उपदेश के बारे में विस्तार से समझेंगे।

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा का जीवन परिचय:
बाबा का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की ओर था। 17 वर्ष की आयु में उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ और उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़कर संन्यास का मार्ग अपना लिया। उन्होंने अपनी जिंदगी का आदिकांश समय उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जगहों में तपस्या और ध्यान करते हुए बिताया। नीम करोली बाबा के नाम का उद्गम तब हुआ जब उनको एक नीम के पेड़ के नीचे अपनी तपस्या की और लोग उन्हें नीम करोली के नाम से पुकारने लगे। उनके भक्त उन्हें हनुमानजी का अवतार मानते थे, जबकि बाबा खुद को हनुमानजी का भक्त कहते थे।
Neem Karoli Baba: आश्रम और भक्त समूह:
नीम करोली बाबा के आश्रम हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध हैं:
कैंची धाम (नैनीताल),
वृन्दावन,
ऋषिकेश,
लखनऊ,
शिमला,
फर्रुखाबाद और दिल्ली शामिल हैं।
उनका एक आश्रम ताओस, न्यू मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी स्थित है। इन आश्रमों में बाबा के भक्त आज भी उनकी पूजा करते हैं और उनके उपदेश से प्रेरणा लेते हैं।
Neem Karoli Baba: बाबा के भक्त:
नीम करौली बाबा के भक्तों में एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स शामिल हैं। ऐसा कहा जाता है कि बाबा के आश्रम की यात्रा से उनके जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आए।

नीम करोली बाबा के चमत्कार:(Neem Karoli Baba):
Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के चमत्कारों की कई कहानियां हैं जो लोगों के बीच मशहूर हैं:
1. हनुमान जी का आशीर्वाद:
नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बाबा ने हनुमान जी की पूजा और सेवा के माध्यम से अलौकिक शक्तियाँ प्राप्त की थीं। बाबा ने काई बार अपने भक्तों के दुख दूर किये और उन्हें जीवन की कथाइयों से उबरने में मदद की।
2. जल में नव बचाना:
एक बार बाबा ने अपने एक भक्त की नौका को डूबने से बचाया। बाबा के आशीर्वाद से नौका सुरक्षित रह गई और सभी लोग भय-मुक्त हो गए।
3. भगवान के रूप का दर्शन:
बाबा के पास एक अलौकिक शक्ति थी जिसके सामने बैठने वाले व्यक्ति अपने अंदर शांति और एक अलौकिक अनुभव करते थे।
4. भक्त की मन्नत पूरी करना:
एक व्यक्ति जो कैंसर से पीड़ित था, बाबा के आशीर्वाद से बिल्कुल स्वस्थ हो गया। बाबा के आशीर्वाद से अनेक लोगों के जीवन में चमत्कारिक बदलाव आए हैं।
5.ट्रैन को रोकना:
एक बार जब वह बिना टिकट ट्रेन में यात्रा कर रहे थे तो टिकट चेकर ने उन्हें नीब करोरी स्टेशन पर उतार दिया। इसके बाद लाख कोशिशों के बावजूद ट्रेन आगे नहीं बढ़ी।बाद में अधिकारियों ने बाबा से माफी मांगी और उन्हें सम्मानपूर्वक ट्रेन में बैठाया, तब जाकर ट्रेन रवाना हुई. इस घटना के बाद से उन्हें नीम करौली बाबा के नाम से जाना जाने लगा।

नीम करोली बाबा के उपदेश: Neem Karoli Baba:
बाबा ने अपने उपदेशों में प्रेम, सेवा और भक्ति पर बल दिया। उन्होंने हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने, गुरु के सानिध्य में रहने, कठिन समय में धैर्य रखने और धन का सदुपयोग करने की सलाह दी।नीम करोली बाबा के आश्रम में आज भी उनका दिव्य दर्शन और उपदेश मिलता है। आप उनकी कहानियाँ और उपदेश अपने जीवन में अपना कर अपने जीवन को सुधार सकते हैं।
Neem Karoli Baba: बाबा की समाधी:
बाबा की महासमाधि लीला 11 सितंबर 1973 को वृन्दावन में हुई। उनकी शिक्षाएँ और उपदेश आज भी उनके भक्तों के जीवन में मार्गदर्शन का स्रोत हैं।