Shani Pradosh Vrat:पौष मास का पहला प्रदोष व्रत 28 दिसंबर को है। यह दिन शनिवार है. शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व होता है।
Shani Pradosh Vrat: आखिर क्यों खास माना जाता है शनि प्रदोष व्रत?:
शनि प्रदोष व्रत भगवान शिव और शनि देव का आशीर्वाद पाने के लिए मनाया जाने वाला एक पवित्र व्रत है। यह शुभ व्रत 28 दिसंबर 2024, शनिवार को पड़ रहा है जिसके कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन व्रत रखने से शनि दोष से मुक्ति, सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
Shani Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और जीवन सुखमय हो जाता है। प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार रखा जाता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। भारत में कुल 24 प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिनों के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से संतान को भी लाभ होता है। इस व्रत को करने से भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
Shani Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में ही पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष काल शाम को सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट…
Shani Pradosh Vrat: पूजा सामग्री:
फूल, पांच फल, पांच मेवे, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पांच रस, इत्र, गंध, रोली, मौली जनेऊ, पांच मिठाई ,बिल्वपत्र। , धतूरा, भांग, बेर, आम की मंजरी, जौ की बालें, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रुई, मलयगिरि, चंदन, शिव और माता पार्वती की श्रृंगार सामग्री आदि।
Shani Pradosh Vrat: 28 दिसंबर 2024 को शनि प्रदोष व्रत का समय:
इस बार शनि प्रदोष व्रत 28 दिसंबर को पड़ने वाला है। पचांग के अनुसार, हर साल जब पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आती है, तब शनि प्रदोष व्रत किया जाता है। इस साल यह तिथि 28 दिसंबर को पड़ने वाली है।
इस तिथि का प्रारंभ समय होगा दोपहर 2:26 बजे. जो अगले दिन यानी 29 दिसंबर 2024 को दोपहर 3:32 बजे तक जारी रहेगा। इस दिन पूजा के सही समय की बात करें तो 2 घंटे 77 मिनट का यह शुभ समय शाम 5:33 बजे से शुरू होगा और रात 8:17 बजे तक रहेगा।
Shani Pradosh Vrat: शनि प्रदोष व्रत के नियम
1. संकल्प लें: सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प करें।
2. निर्जला या फलाहार व्रत रखें: पूरे दिन अन्न का सेवन न करें.
3. सकारात्मक रहें: व्रत के दिन झूठ, क्रोध और नकारात्मकता से बचें।
4. शिव और शनि की पूजा करें: प्रदोष काल में विशेष पूजा करें।
5. दान करें: व्रत के बाद जरूरतमंदों को दान करें।
Shani Pradosh Vrat: शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि:
1. सुबह स्नान करें: स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें।
2. संकल्प लें: व्रत रखने और भगवान शिव का ध्यान करने का संकल्प लें।
3. प्रदोष काल में पूजा: शिवलिंग पर जल, गंगाजल और पंचामृत चढ़ाएं। बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल चढ़ाएं। “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें. शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं।
व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
4. आरती करें: शिवजी और शनिदेव की आरती करें।
5. प्रसाद वितरित करें: पूजा के बाद फल और मिठाई का प्रसाद बांटें।
Shani Pradosh Vrat:शनि प्रदोष व्रत की कथा:
Shani Pradosh Vrat: शनि प्रदोष व्रत की कथा के अनुसार, एक बार एक गरीब ब्राह्मण और उसकी पत्नी भगवान शिव के भक्त थे। ब्राह्मणी ने शनि प्रदोष व्रत किया और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा की। भगवान शिव की कृपा से उनके जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन हुआ।
दूसरी कथा के अनुसार चंद्रदेव को श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव ने प्रदोष काल में पूजा का विधान किया। चंद्रदेव ने यह व्रत किया और उनका श्राप समाप्त हो गया।
Shani Pradosh Vrat:शनि प्रदोष व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
व्रत के दिन किसी भी प्रकार का मांसाहारी भोजन या नशीली चीजों का सेवन न करें।
क्रोध, छल और झूठ से बचें।
पूरे दिन भगवान शिव और शनिदेव का ध्यान करें।
व्रत के बाद जरूरतमंदों को भोजन और दान दें।
Shani Pradosh Vrat:शनि प्रदोष व्रत का महत्व:
शनि प्रदोष व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अन्य अशुभ प्रभाव हैं। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है और उनका आशीर्वाद पाने के लिए भगवान शिव की पूजा करने का यह सबसे अच्छा दिन है।
पापों का प्रायश्चित : व्रत करने से पुराने पाप नष्ट हो जाते हैं।
शनि दोष निवारण: शनि के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं।
सुख-शांति: आर्थिक परेशानियों और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
स्वास्थ्य लाभ: गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है।
मनोकामना पूरी : जीवन में मनचाही सफलता प्राप्त होती है।
Shani Pradosh Vrat:शनि प्रदोष व्रत के लाभ:
1. धन और समृद्धि: वित्तीय समस्याएं हल हो जाती हैं
2. शनि दोष निवारण: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं।
3. पारिवारिक सुख: घर में शांति और सद्भाव बढ़ता है।
4. स्वास्थ्य लाभ: गंभीर बीमारियों से राहत दिलाता है।
5. आध्यात्मिक उन्नति : व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।
शनि प्रदोष व्रत: आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक महत्व:Shani Pradosh Vrat:
शनि प्रदोष व्रत न केवल शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने का साधन है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को आध्यात्मिक उन्नति की ओर भी ले जाता है। भगवान शिव और शनिदेव की कृपा पाकर व्यक्ति अपने जीवन की सभी परेशानियों से मुक्त हो सकता है।