मासिक शिवरात्रि का महत्व (29 दिसंबर 2024):
मासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मासिक शिवरात्रि 29 दिसंबर 2024 को है, जो पौष माह में आती है।

मासिक शिवरात्रि व्रत विधि (29 दिसंबर 2024):
स्नान एवं संकल्प:(मासिक शिवरात्रि)
सुबह जल्दी उठकर गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव की पूजा करने का निर्णय लें.
निर्जला व्रत:(मासिक शिवरात्रि)
इस दिन निर्जला व्रत रखना शुभ माना जाता है। यदि स्वास्थ्य कारणों से निर्जला व्रत संभव न हो तो फलों का सेवन कर सकते हैं।
पूजा सामग्री:(मासिक शिवरात्रि)
गंगा जल
बिल्वपत्र
शहद
दूध
दही
चावल
धूप और
दीपक
फूल: (विशेषकर सफेद फूल)

शिवलिंग का अभिषेक:(मासिक शिवरात्रि)
भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल, दूध, दही और शहद से करें। बिल्वपत्र और फूल चढ़ाएं।
मंत्र जाप:(मासिक शिवरात्रि)
“ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें.
यदि संभव हो तो रात्रि जागरण करें और भगवान शिव की आरती करें।
व्रत नियम:(मासिक शिवरात्रि)
1. व्रत के दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
2. क्रोध, लालच और अहंकार से दूर रहें।
3. रात्रि के समय भगवान शिव का पूजन एवं जागरण करें।
4. किसी भी प्रकार के मांस, शराब और मसालेदार भोजन से बचें।

मासिक शिवरात्रि कथा:(मासिक शिवरात्रि)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक शिकारी शिकार की तलाश में जंगल में भटक गया। रात हो गयी और उसे शिकार न मिला। उन्हें एक बेल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग दिखाई दिया। अनजाने में उसने बेल के पत्ते तोड़ कर शिवलिंग पर गिरा दिये। वह पूरी रात जागते रहे और ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करते रहे।
सुबह होते ही भगवान शिव ने उसे दर्शन दिये और उसके सभी पापों को क्षमा कर दिया। तभी से मासिक शिवरात्रि व्रत रखने की परंपरा शुरू हुई।
पूजा का शुभ समय मासिक शिवरात्रि: (29 दिसंबर 2024)
निशिता काल पूजा समय: (मासिक शिवरात्रि)
रात 11:58 बजे से 12:48 बजे तक
चतुर्दशी तिथि आरंभ: 29 दिसंबर 2024, सुबह 6:15 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 30 दिसंबर 2024, सुबह 4:40 बजे

मासिक शिवरात्रि के व्रत के लाभ:(मासिक शिवरात्रि)
1. मानसिक शांति और फोकस में वृद्धि.
2. पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि।
3. दांपत्य जीवन में सुख और शांति.
4. भगवान शिव की कृपा से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति।