कालभैरव अष्टमी कब है? कौन है-कालभैरव, कैसे करें कालाष्टमी पर पूजा पाठ संपूर्ण विधि (Kaalaashtami Kaal Bhairav jayanti)

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(Kal Bhairav ) कालभैरव कौन है?

हिंदू धर्म में कालभैरव को काल और समय का स्वामी कहा जाता है। जो कि शक्ति को और भक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं।

कालभैरव शिव जी के ही एक रूप है जिन्हें रुद्र भी कहा जाता है। वे शक्ति और रक्षा के देवता कहे जाते हे।

इनका सम्बंध ज्यादातर अघोरी,और तंत्र मंत्र से है। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है।

काल भैरव का उद्भव –

काल भैरव जी का जन्म शिवपुराण और स्कंद पुराण के मुताबिक एक बार ब्रह्मा जी ने शिव जी का अपमान किया।

तब शिव जी क्रोध में आ गए,और कालभैरव जी का अधिर्भाव किया। कालभैरव ने ब्रह्मा जी का एक सिर काट दिया,जो कि उनके अहंकार के खिलाफ था। इसलिए उनका एक नाम ब्रम्हसिर्छेदक भी है।

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कालअष्टमी, कालभैरव जंयती कब है?(Kaalaashtami Puja Date)

इस बार काल भैरव अष्टमी तिथि मार्गशीर्ष, कृष्ण अष्टमी

प्रारम्भ – 06:07 PM, नवम्बर 22

समाप्त – 07:56 PM, नवम्बर 23 तक रहेगी।

पूजा समय –

23 तारीख को सुबह से शाम तक आप किसी भी भैरव मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर सकते हैं।

आप चाहे तो नीचे दिए बटन पर क्लिक करें और भैरव जी को अपने घर में विराजमान करें।

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